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उत्तराखंड की प्राचीन खंभदार मकान शैली – साख्यों पैळि


पहले उत्तराखंड में बड़े-बड़े खंभों वाले मकान बनाए जाते थे, जिन्हें "साख्यों पैळि" कहा जाता था। ये घर खासतौर पर राजाओं, सेठ-साहूकारों और बड़े अधिकारियों के लिए बनाए जाते थे। इनके खंभों की संख्या 5, 7, 9, 11 या 13 होती थी, और घर का आकार परिवार की जरूरत के हिसाब से तय किया जाता था।

करीब 80-90 साल पहले तक ऐसे मकानों का बहुत प्रचलन था, लेकिन आजादी के बाद जब राजशाही और जमींदारी खत्म हुई, तो इस तरह के घरों का निर्माण भी बंद हो गया। हालांकि, आज भी कुछ पुराने मकान अपनी जगह पर मजबूती से खड़े हैं। इन घरों को बनाने में बहुत मेहनत और बढ़िया लकड़ियों (जैसे तूण और देवदार) का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे ये सालों-साल टिके रहते थे।

उत्तरकाशी जिले के नौगांव में आज भी एक ऐसा शानदार 13 खंभों वाला मकान मौजूद है। इसे बनने में 25 साल लगे थे, और इसकी चौथी पीढ़ी को भी यह नहीं पता कि इसके निर्माण में कितना खर्च आया होगा। यह मकान हमारी पुरानी वास्तुकला और पूर्वजों की कारीगरी का शानदार उदाहरण है, जो भूकंप, बारिश और कई आपदाओं के बावजूद आज भी मजबूती से खड़ा है।

writen by :- राकेश पुंडीर